एक प्रत्यास्थ तार के लिये प्रति एकांक आयतन में सम्पन्न कार्य है 

  • A

    $($प्रतिबल $\times $ विकृति$)$

  • B

    $\frac{1}{2}$$($प्रतिबल $\times $ विकृति$)$

  • C

    $2($प्रतिबल $\times $ विकृति$)$

  • D

    प्रतिबल$/$विकृति

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यंग गुणांक $Y$ वाले एक तार में संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा है

$50$ सेमी लम्बे एवं $1$ मिली मीटर ${^2}$ अनुप्रस्थ काट वाले एक तार की लम्बाई में $1$ मिली मीटर की वृद्धि की जाती है। इसके लिए आवश्यक कार्य होगा   $(Y = 2 \times {10^{10}}N{m^{ - 2}})$

यदि स्प्रिंग को खींचने पर उसकी लम्बाई में वृद्धि $x$ हो तब उसमें संचित ऊर्जा होगी (यदि $T$ स्प्रिंग में तनाव तथा $k$ स्प्रिंगका स्प्रिंग नियतांक है)

  • [AIIMS 1997]

$\mathrm{Y}=7.0 \times 10^{10} \mathrm{~N} / \mathrm{m}^2$ यंग प्रत्यास्थता गुणांक के साथ एक एल्युमिनियम की छड़ $0.04 \%$ प्रत्यास्थ विकृति के अन्तर्गत जाती है। प्रति एकांक आयतन में संचित ऊर्जा $\left(\mathrm{J} / \mathrm{m}^3\right.$ में) है:

  • [JEE MAIN 2023]

तार $A$ एवं $B$ समान पदार्थ से बने हैं। $A$ का व्यास $B$ से दोगुना एवं लम्बाई तीन गुनी है। यदि दोनों तारों को समान बल से खींचा जाये तो प्रत्यास्थ सीमा के अन्दर, तार $A$ एवं $B$ में संचित ऊर्जा का अनुपात होगा